झारखण्ड राज्य एक सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर का अद्भुत संगम है। यहाँ का संस्कृति और भाषा का विवरण उसकी समृद्धि और विविधता को दर्शाता है। जब हम झारखंड की भाषा की बात करते हैं, तो यहाँ अनेक भाषाएँ बोली जाती हैं, जो इसके सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं। इस पोस्ट में, हम आपको Jharkhand ki bhasha के बारे में बताने वाले है जो झारखण्ड में अधिक बोली जाने वाली भाषाएँ है
यहाँ की प्रमुख भाषाएँ हिंदी, संथाली, खोरठा, मैथिली, अंगिका, नागपुरी, खरिया, उराव, बंगला, बिहारी, और उड़िया हैं। इन भाषाओं में से हिंदी और संथाली सबसे अधिक बोली जाती हैं, जबकि अन्य भाषाएँ भी अपनी विशेषता और महत्व के साथ यहाँ बोली जाती हैं।
झारखण्ड की मुख्य भाषा / राजभाषा क्या है ?
झारखंड की राजभाषा हिंदी है।यह राज्य की आधिकारिक भाषा है और अधिकांश जनसंख्या द्वारा बोली जाती है। हिंदी झारखंड में सरकारी कामों, शिक्षा, और सामाजिक संचार का मुख्य भाषा के रूप में उपयोग होती है। यह राष्ट्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है और झारखंड के लोगों के बीच संवाद का मुख्य साधन है। हिंदी के अलावा, झारखंड में अन्य भाषाएँ भी बोली जाती हैं।
झारखंड में बोली जाने वाली भाषाएँ
भाषा | क्षेत्रीय बोली |
---|---|
हिंदी | पूरे राज्य में |
खोरठा | हज़ारीबाग़, दुमका, रांची, आदि। |
मगही | देवघर, गिरिडीह, जमुई, आदि। |
भोजपुरी | पलामू, गढ़वा, चतरा, आदि। |
संथाली | रांची, पूर्वी सिंहभूम, आदि। |
मुंडारी | पश्चिमी सिंहभूम, गुमला आदि। |
कुड़ुख | गुमला, सिमडेगा, खूंटी आदि. |
हो | पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला आदि। |
बंगाली | पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा आदि। |
उड़िया | देवघर, दुमका, गोड्डा, आदि। |
तामिल | बोकारो, हज़ारीबाग़, आदि। |
तेलुगू | रांची,बोकारो,आदि. |
उर्दू | रांची,जमशेदपुर,आदि. |
मैथिली | साहिबगंज, गोड्डा आदि। |
गुजराती | रांची,जमशेदपुर,आदि. |
पंजाबी | रांची,बोकारो,आदि. |
मलयालम | रांची,बोकारो,आदि. |
संथाली:
संथाली भाषा झारखंड की प्रमुख भाषाओं में से एक है, जो पूर्वी झारखंड के अधिकांश क्षेत्र में बोली जाती है। यह एक मध्यम आदिवासी भाषा है और अपने विशेष व्याकरण, शब्दावली और व्याकरण के लिए प्रसिद्ध है।
खोरठा:
खोरठा भाषा झारखंड में बोली जाती है और यह झारखंड के पश्चिमी भागों में प्रमुखतः विकसित है।
मैथिली:
मैथिली भाषा झारखंड के पूर्वी क्षेत्रों में बोली जाती है। यह एक प्रमुख भोजपुरी भाषा है और यहाँ के लोग इसे समझते और बोलते हैं।
अंगिका:
अंगिका भाषा झारखंड के पश्चिमी भागों में बोली जाती है। यह भी भोजपुरी के एक रूप के रूप में जानी जाती है।
नागपुरी:
नागपुरी भाषा झारखंड के पूर्वी भागों में बोली जाती है। यह एक ओरिया भाषा का विभिन्न रूप है और यहाँ के लोग इसे बोलते हैं।
खरिया:
खरिया भाषा झारखंड के उत्तरी भागों में बोली जाती है। यह भाषा संबंधी लोगों के बीच संचार का माध्यम है।
उराव:
उराव भाषा झारखंड के पूर्वी भागों में बोली जाती है। यह भी एक आदिवासी भाषा है और यहाँ के लोग इसे समझते और बोलते हैं।
बंगला:
बंगला भाषा झारखंड के उत्तरी और पश्चिमी भागों में बोली जाती है, विशेष रूप से पूर्वी सिंहभूम जिले में।
बिहारी:
बिहारी भाषा झारखंड के पूर्वी और दक्षिणी भागों में बोली जाती है। यह एक प्रमुख मागही भाषा है और यहाँ के लोग इसे बोलते हैं।
उड़िया:
उड़िया भाषा झारखंड के पश्चिमी भागों में बोली जाती है, विशेष रूप से सिंघभूम और गिरीडीह जिलों में।